यह पूर्वप्रकाशित रचना पहले भी 2009 में मैं अपने ब्लाग पर डाल चुका हूँ । हालांकि आडियो क्वालिटी इतनी अच्छी नहीं है क्योंकि यह मोबाइल से रिकार्ड किया गया है । आज इस पूर्वप्रकाशित रचना को यहाँ लिखकर और अपनी आवाज़ में प्रस्तुत कर रहा हूँ...
गुजरे जो खूबसूरत, लम्हात याद रखना।
बादल बरसने वाले, आँखों में जब भी छाए;
मेरे साथ भींगने की, बरसात याद रखना।
तुमसे जुदा हो जाऊं, मैं कब ये चाहता था;
काबू में नहीं होते, हालात याद रखना।
ग़मगीन तुम न होना, कभी इन जुदाइयों से;
मैं हूँ तुम्हारे दिल में तेरे साथ याद रखना।
नहीं आ सकूंगा मैं तो, तेरे पास ग़म न करना,
तू अपने मुहब्बत की, सौगात याद रखना।
मेंहदी लगी न तुझको, सेहरा न मैंने बाँधा;
तो क्या हुआ यादों की, बारात याद रखना।
आप आवाज़ यहाँ सुन सकते हैं...
तू मुझको याद रखना/pbchaturvedi/Audio
आप यू-ट्यूब पर यहाँ सुन सकते हैं...
यादों की खूबसूरत पूंजी
ReplyDeleteगाए जाने योग्य अच्छी रचना है।
ReplyDeleteatulniy--***
ReplyDeletewah wah anand aa gya ....ak achhi rachana ....badhai
ReplyDeleteSundar prastuti Prasanna ji.
ReplyDeletebade nazuk se bhaw hain.....bahot achchi lagi.
ReplyDeleteअच्छी है यादों की बारात ..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावपूर्ण है गजल !
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार ..
बहुत ही सुंदर ! http://blog.irworld.in/
ReplyDeleteWaaah... Achchhi Gazal...
ReplyDeleteवाह! बहुत खूब...आप ने तो साथ में संगीत भी दिया है.
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगा सुनकर.