यह पूर्वप्रकाशित रचना पहले भी 2009 में मैं अपने ब्लाग पर डाल चुका हूँ । हालांकि आडियो क्वालिटी इतनी अच्छी नहीं है क्योंकि यह मोबाइल से रिकार्ड किया गया है । आज इस पूर्वप्रकाशित रचना को यहाँ लिखकर और अपनी आवाज़ में प्रस्तुत कर रहा हूँ...
गुजरे जो खूबसूरत, लम्हात याद रखना।
बादल बरसने वाले, आँखों में जब भी छाए;
मेरे साथ भींगने की, बरसात याद रखना।
तुमसे जुदा हो जाऊं, मैं कब ये चाहता था;
काबू में नहीं होते, हालात याद रखना।
ग़मगीन तुम न होना, कभी इन जुदाइयों से;
मैं हूँ तुम्हारे दिल में तेरे साथ याद रखना।
नहीं आ सकूंगा मैं तो, तेरे पास ग़म न करना,
तू अपने मुहब्बत की, सौगात याद रखना।
मेंहदी लगी न तुझको, सेहरा न मैंने बाँधा;
तो क्या हुआ यादों की, बारात याद रखना।
आप आवाज़ यहाँ सुन सकते हैं...
तू मुझको याद रखना/pbchaturvedi/Audio
आप यू-ट्यूब पर यहाँ सुन सकते हैं...